Description
क्रमांक | विषय | पृष्ठ संख्या |
1. | Gender, Women Empowerment and Human Development: JUGNU ARA | 12-17 |
2. | Dr. Ambedkar’s dream of the ‘intellectual class’ in Annihilation of Caste: – Dharmaraj Kumar | 18-29 |
3.
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नक्सलवादी आन्दोलन और हिंदी की प्रमुख लघु पत्रिकाएं (1950 से 1980 के विशेष संदर्भ में):
डॉ. निकिता जैन |
30-41 |
4. | काव्यानुवाद का समाजशास्त्र: प्रा.सुभद्रा कुमारी सिन्हा | 42-47 |
5. | कबीर के काव्य में पारिभाषिक शब्दावली और अनुवाद: प्रदीप कुमार यादव | 48-50 |
6. | बिहिश्ती जेवर और उसका शैक्षिक निहितार्थ: अब्दुल अहद | 51-57 |
7. | बिहार के दलित लोकगाथा ‘नटुआ नाच’ के प्रदर्शन में प्रतिरोध की भूमिका: रोहित कुमार | 58-62 |
8. | ‘आल्हा’ में लोक संस्कृति: पूनम गुप्ता | 63-66 |
9. | स्त्री विमर्श के संदर्भ में गिरीश करनाड़ का नाटक नागमण्डल: डॉ. स्वाति सोनल | 67-75 |
10. | दलित उपन्यासों का सांस्कृतिक पक्ष: डॉ. शिव कुमार रविदास | 76-80 |
11. | अवधी मुहावरों एवं पहेलियों (बुझौव्वल) में अभिव्यक्त स्त्री-छवियाँ: सरस्वती मिश्र | 81-85 |
12. | मोहनदास नैमिशराय के उपन्यासों में स्त्री विमर्श: उपेन्द्र कुमार | 86-90 |
13. | एक जमीन अपनी : स्त्री जीवन का बदलता स्वरूप रचती भाषा सुलभ रचना: आशु मंडोरा | 91-94 |
14. | फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ का रिपोर्ताज ‘नेपाली क्रांति-कथा’ :
स्पर्श-चाक्षुष-दृश्य बिंब की लय का बखान- अमरेन्द्र कुमार शर्मा |
95-108 |
15. | धूमिल की कविताओं का ध्वनि स्तरीय शैलीचिह्नक विश्लेषण: सुशील कुमार | 109-122 |
16. | डायस्पोरा का गृहभूमि पर चुनावी और गैर चुनावी राजनीतिक प्रभाव और इसके माध्यम: अखिलेश कुमार सिंह | 123-129 |
17. | ‘कामायनी’ में आधुनिकता के आभिलक्षण: दीप्ति मिश्रा | 130-138 |
18. | नई कहानी के परिप्रेक्ष्य में ‘वापसी’ कहानी का मूल्यांकन: श्रुति ओझा | 139-145 |
19. | प्रेमचंद की कहानियों में खेल जीवन की उपस्थिति और उसका स्वरूप: जैनेन्द्र कुमार | 146-150 |
20. | उत्तर-पूर्व के समाज मे भारतीय सांस्कृतिक परंपरा: डॉ. अनुप्रिया | 151-160 |
21. | हिंदी कथा साहित्य पर गांधी-दर्शन का प्रभाव: डॉ. मेनका कुमारी | 161-165 |
22. | धर्म और सांप्रदायिकता के चलते बदलते इतिहास के मायने: दिनेश कुमार पाल | 166-172 |
23. | सांप्रदायिकता का रचनात्मक प्रतिरोध: डॉ. रवि रंजन | 173-181 |
24. | कात्यायनी की काव्य संवेदना: डॉ. कुमारी सीमा | 182-188 |
क्रमांक | विषय | पृष्ठ संख्या |
25. | नए आलोचकों के लिए आईना: डॉ. भारती कुमारी | 189-194 |
26. | रचना प्रक्रिया और प्रेमचंद (संदर्भ-साहित्य का उद्देश्य (निबंध): शिखा | 195-198 |
27. | रामवचन राय : व्यक्तित्व और रचना-संसार: डॉ. सावन कुमार | 199-204 |
28. | मध्यकालीन संस्कृति में संत नामदेव की उपादेयता: जगदाले अप्पासाहेब गोरक्ष | 205-209 |
29. | विद्यासागर नौटियाल की कहानियों में पहाड़ी जीवन का यथार्थ: मोनिका पन्त | 210-215 |
30. | क्रांति की अवधारणा और संबंधित साहित्य: सच्चिदानंद सिंह | 216-222 |
31. | बाल साहित्य की विशेषताएं: डॉ. कुमारी उर्वशी | 223-227 |
साहित्यिक रचनाएँ (कविता) | ||
32. | डॉक्टर सोनी पाण्डेय की रचना | 228 |
33. | मोनिका वर्मा की कविता | 229 |
साहित्यिक रचनाएँ (ग़ज़ल) | ||
34. | आशा पांडेय ओझा की ग़ज़लें | 230-232 |
साहित्यिक रचनाएँ (कहानी) | ||
35. | चंद्रकांत: सुशांत सुप्रिय | 233-236 |
साहित्यिक रचनाएँ (लघुकथा) | ||
36. | अधिनायक: सीताराम गुप्ता | 237-238 |
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