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JANKRITI ISSUE 87

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आप सभी पाठकों के समक्ष जनकृति का जुलाई 2022 अंक प्रस्तुत है। 550 से अधिक पृष्ठ के इस अंक में आप साहित्य, कला, इतिहास, संस्कृति इत्यादि क्षेत्रों के महत्वपूर्ण विषयों पर आधारित शोध आलेख, लेख पढ़ सकते हैं। इसके अतिरिक्त अंक में आप साहित्यिक रचनाएँ भी पढ़ सकते हैं।

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Description

जनकृति- वर्ष 8, अंक 87, जुलाई 2022, विषय सूची- 

संपादकीय 4
 कला-विमर्श  
नुक्कड़ नाटकों का भारतीय समाज और संस्कृति पर प्रभाव / डॉ. प्रदीप कुमार   8
रूपान्तर और संवाद की भारतीय परम्परा: प्रबोधचन्द्रोदय / नवीन प्रकाश सिंह 19
डबिंग : अर्थ एवं महत्त्व
(बांगला एवं हिन्दी फिल्मों का एक तुलनात्मक अध्ययन) / डॉ. जोतिमय बाग 58
लाल सिंह चड्डा: सेलेक्टिव राष्ट्रवाद की फिल्म बनकर रह गई / रमेश ठाकुर 65
साहित्य से अछूता क्यों राष्ट्रीय फिल्म पुरुस्कार!/ तेजस पूनियां 70

दलित एवं आदिवासी-विमर्श   
दलित साहित्य: पहचान और परिभाषा / डॉ॰ रविन्द्र गासो 85
हिंदी दलित आत्मकथाओं में पारिवारिक सह-संबंध / डॉ. अजीत कुमार 93
समाज को एकता के सूत्र में गढ़ने वाले संत श्री गुरु रविदास जी का सामाजिक दर्शन / अनिल 100
अमरावती जिले में मेलघाट क्षेत्र के कोरकू जनजाति की आर्थिक स्थिति / दीपक कुमार  106

स्त्री-विमर्श 
हिंदी कथा साहित्य और सिनेमा में ‘स्त्री विमर्श’/ रविकांत जाटव 116
ममता कालिया के उपन्यासों में शिक्षित और कामकाजी महिलाओं की स्थिति/ ओनम साहू 126
मनीषा कुलश्रेष्ठ कृत ‘कठपुतलियाँ’ कहानी में नारी-विमर्श / वैशाली 139

मीडिया-विमर्श   
दलित साहित्य और हिन्दी पत्रकारिता / अनीता विनय कुमार सिंह 146
अरुणाचल प्रदेश की आदिवासी भाषा-बोली एवं आईसीटी युग की मीडिया / डॉ. जोराम यालाम नाबाम, डॉ. राजीव रंजन प्रसाद  157

भाषिक-विमर्श   
राजस्थान के बाहर मारवाड़ी हिंदी की स्थिति/ जाहिदुल दीवान 169
MORPHOLOGICAL ANALYSIS OF TURKIC WORDS IN THE WORK OF “AIN-I-AKBARI”/ Salimbekov Nodirbek Ulugbekovich 175

 

शिक्षा-विमर्श
उच्च प्राथमिक स्तर के विद्यार्थियों के पारिवारिक सम्बन्ध का उनके मूल्यों तथा तथा शैक्षणिक उपलब्धियों के सन्दर्भ में अध्ययन / नरेंद्र पाल, डॉ० योगेश्वर प्रसाद शर्मा 183
स्वाधीनता के अमृत काल के आलोक में शिक्षा का अधिकार/ अमित कुमार पाण्डेय 197

इतिहास 
सोनपुर मेले का संक्षिप्त अतीत: तीर्थयात्रा और सत्ता की राजनीति की एक गाथा / आख्या ईशा  208

समसामयिक -विमर्श
अटल इनोवेशन मिशन: मेक इन इंडिया टू मेक फॉर दी वर्ल्ड / शुभम जायसवाल 227

साहित्यिक-विमर्श
हिंदी लेखिकाओं के यात्रा वृत्तांत : यात्रा और स्त्री दृष्टि / हिना 239
हिंदी कथा साहित्य में महानगरीय यथार्थ / अभिषेक गुप्ता 248
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर एक नज़र ‘कैसी आगी लगाई’ उपन्यास के संदर्भ में / विनीजा विजयन 261
अनामिका की कविताओं में लोक जीवन एवं स्त्री (विशेष सन्दर्भ;समय के शहर में)/ राहुल कुमार,
डॉ. उपेंद्र कुमार 267
निर्मल वर्मा के औपन्यासिक कथा में स्त्री – चित्रण/ रंजना बौनाल 275
इक्कीसवीं सदी के हिन्दी कथा-साहित्य का स्वरूप एवं संवेदना / राकेश कुमार,
प्रोफेसर अधीर कुमार 289
तमस : विभाजन की एक त्रासद गाथा / शनि कुमार चौहान 302
वीरेन डंगवाल की कविता का समकाल वाया ‘दुष्चक्र में स्रष्टा’/ डॉ. ऋषिकेश मिश्र 311
रूपसिंह चन्देल की कहानियों में पुरुष-विमर्श / डॉ. रहीम मियाँ 325
मानवधर्म और कबीर की काव्य संवेदना/ डॉ.अनुरुद्ध सिंह 334
मातृत्व संवेदना से ओत-प्रोतः यमदीप / बबीता 343
प्रयोगधर्मी कवि अज्ञेय / डॉ. धीरेन्द्र सिंह 350
डायरी साहित्य में ‘मेरी कालिज डायरी’ का ऐतिहासिक महत्व/ मनोज शर्मा 355
हिंदी साहित्य की दुनियाः शरद जोशी की व्यंग्य-कृतियों के आइने में / डा ज्योतीश्वर मिश्र 364
बदलते परिप्रेक्ष्य में काशी वाया हिन्दी कविता/ मोहन कुमार 374
चयनधर्मिता का प्रश्न और ‘आषाढ़ का एक दिन’/ डॉ.लवकुश कुमार 384
व्यक्तित्व एवं कृतित्व की सहजता का आख्यान :कुछ अल्प विराम/ डॉ. अमरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव 394
विद्रोह, प्रतिरोध और प्रतिबद्धता का काव्य संसार : कात्यायनी की कविताएँ/ चेतन विष्णु रवेलिया 401
कबीर के काव्य में लोक/ डॉ. गोविन्द राम 411
कबीर का सामाजिक बोध और भाषा/ डॉ. कुमार भास्कर 419
ईश्वर और बाज़ार:सामयिक सत्ता और राजनीति का संश्लेषित प्रतिबिंब/ शीलू अनुरागी 428
संजीव के उपन्यासों में अभिव्यक्त नारी शोषण/ राजेश सिंह 442
भारतीय भाषाओं की कहानियों में विभाजन की त्रासदी: विस्थापन का दर्द एवं शरणार्थियों की समस्याएँ/ सुकान्त सुमन 451
ह्रासोन्मुख लोकतांत्रिक मूल्यों का जीवंत दस्तावेज़ - ‘ उत्तर नेहरू चरितम् / फातिमत रंसीना 465
काशी की सांस्कृतिक और साहित्यिक परम्परा / अंजलि ओझा, डॉ. अनिता 476
21वीं सदी का कथा लेखन और ‘जी-मेल एक्सप्रेस’ उपन्यास/ सिमरन 484
हिन्दी कथा-साहित्य में कश्मीरी हिंदुओं के निर्वासन की मनोव्यथा की प्रथम उपस्थिति : संजना कौल की कहानी ‘‘पत्थर और धात का जमाना’’/ विनीत पाण्डेय 491

लोक साहित्य एवं संस्कृति 
मालवी लोक साहित्य और संस्कृति में वनस्पतियों का स्थान /मुकेश कुमार ठन्ना 502

आलेख
देह पर लिखे जाते युद्धों के इतिहास (देह ही देश – गरिमा श्रीवास्तव, के विशेष संदर्भ में) / डॉ. चंद्रकला  511
जीवन की अच्छाई द्वारा स्वयं का विधिवत मार्गदर्शन/  डॉ. अजय शुक्ला 518

 
साहित्यिक रचनाएँ
कविता
डॉ. सरोज कुमारी 521

कहानी
मन नहीं लगता / रमेश कुमार राज 523

व्यंग्य
शीर्षक में कुछ नहीं रखा/ रामनगीना मौर्य 533

पुस्तक समीक्षा
पंचकोशी मेला : लोक, शास्त्र और ऐतिहासिकता का अध्ययन/ डॉ. मधुलिका बेन पटेल 542
अलौकिक से लौकिक जगत की यात्रा है: वयं रक्षामः / विकाश पाठक 547