Description
जनकृति- वर्ष 8, अंक 91, नवंबर 2022 विषय सूची
संपादकीय 4 कला-विमर्श उत्तराखंड की लोक गाथाएँ : जागर के संदर्भ में / दिवाकर भटेले 8 धारावाहिक की एक कड़ी का संरचनावादी अध्ययन / मोहित कुमार नागर 17 तुग़लक़ नाटक में चारित्रिक विरोधाभास / ज्योति 27 जयशंकर प्रसाद के नाटकों में नए रंग-प्रयोग (सन्दर्भ : स्कंदगुप्त तथा चन्द्रगुप्त) / कंचन 36 चिंतन का नया धरातल : ‘अंबेडकर और गांधी’/ कुसुमलता मलिक 42 दलित एवं आदिवासी -विमर्श संत रैदास का समाज दर्शन / प्रो. कैलास प्रकाश सिंह 51 श्यौराज सिंह ‘बेचैन’ की ‘मेरी प्रिय कहानियाँ’ दलित जीवन एवं सवर्ण वर्ण की कूटनीति का महाआख्यान/ अनिल 64 आदिवासी साहित्य के स्वरूप और अस्मिता / जीभावनी कुमार रजक, प्रोफेसर रत्नेश विष्वक्सेन 73 स्त्री-विमर्श लोकतंत्र का भविष्य एवं स्त्री प्रश्न / डॉ. सुप्रिया पाठक 81 आर्थिक आत्मनिर्भरता के प्रश्न और स्त्री सशक्तिकरण (जया जादवानी कृत ‘अनकहा आख्यान’ कहानी संग्रह के विशेष संदर्भ में)/ दीपक कुमार मिश्र 96 स्त्री आत्मकथा :आत्म को परिभाषित करने का संघर्ष / डॉ.उमा मीणा 106 कोल जनजाति में स्त्री / तान्या लाम्बा 114 मीडिया-विमर्श बाल पत्रिकाओं को लेकर चिंता या चिंतन का समय / डॉ. मनीष काले, डॉ. सोनाली नरगून्दे 118 बेनीपुरी की पत्रकारिता / वरुण भारती 126 भाषिक-विमर्श भाषा-क्षेत्र तथा हिन्दी भाषा के विविध रूप / प्रोफेसर महावीर सरन जैन 135 शिक्षा-विमर्श ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर वाले बच्चों के शिक्षकों की समस्याएं :- एक अध्ययन / डॉ. मुकेश कुमार चंद्राकर, उजमा एजाज़ 162 बाल-विमर्श प्रेमचंद के बाल कहानियों की विश्व-दृष्टि / श्रीमती शांति गोहाँइ 179 इतिहास SUSTAINABLE DEVELOPMENT IN MUNGER DISTRICT (BIHAR)/ BIKLENDU SHANKAR 190 कठौतिया के शैलचित्र - पाषाण कालीन मानव सभ्यता और संस्कृति के प्रतीक / योगेन्द्र सिंह चंदेल, डा.बी.सी. जोशी 199 दर्शन धार्मिक सहिष्णुता और धार्मिक बहुलवाद / डॉ० सुषमा कुमारी 207 राजनीतिक-विमर्श Women’s Participation in Panchayati Raj Institution / Umesh jatav 214 जलवायु परिवर्तन: लोकतंत्र के लिए एक चुनौती / रवि कुमार 225 साहित्यिक-विमर्श मुक्तिबोध: प्रगतिशील आलोचना की समस्याएँ और संभावनाएँ / उमाशंकर मिश्र 239 21वीं सदी के हिन्दी उपन्यास और भारतीय किसान (‘अकाल में उत्सव’ और ‘फाँस’ के विशेष संदर्भ में)/ धर्म चन्द 247 21 वीं सदी में हिन्दी साहित्य में बदलते जीवन मूल्य / शुभम यादव 255 प्रांतीय भेदभाव की दास्तानः जुलूस / प्रीतिका एन 260 भारतीय कॉमिक्स और ग्राफ़िक उपन्यास/ राजीव रंजन 267 मिथक और संस्कृति के संदर्भ में 'उपसंहार' का मूल्यांकन / आशीष द्विवेदी 282 नई कहानी आन्दोलन और 'जिन्दगी और गुलाब के फूल' से 'वापसी'/ पूनम सिंह तोमर 289 औपनिवेशिक भारत का यथार्थ और गोपालराम गहमरी का साहित्य / गौरव भारती 297 हिंदी आलोचना का आरंभ (भारतेंदु युग के विशेष सन्दर्भ में)/ काजल 305 कुच्ची का कानून’ कहानी में अभिव्यक्त स्त्री-प्रतिरोध का स्वर” / शिव देव प्रजापति 315 ‘खुदा की वापसी’ में स्त्री प्रतिरोधी स्वर/ मेघा 321 हिमाचली हिन्दी कहानियों में अभिव्यक्त स्त्री जीवन का यथार्थ/ शालिनी देवी 331 पंच परमेश्वर कहानी : कुछ बातें / शेर सिंह मीणा 339 प्रेम, आकर्षण और दूसरी औरत होने का सच / लक्ष्मी 348 भ्रष्टाचार का सामाजिक प्रसार और उदय प्रकाश का कथा साहित्य/ विवेक कुमार पाण्डेय 356 मलयज की डायरी और उनका हंसता हुआ अकेलापन / मनोज शर्मा 367 रीतिकालीन सौंदर्य-बोध और बिहारी का काव्य / रवि प्रकाश यादव 374 रेणु का कथा साहित्य : पलायन का यथार्थ / ज्योति कुमारी 387 लकड़सुँघा : ईमानदारी की व्यंग्यात्मक धार के सवाल / प्रो. हर्षबाला शर्मा 394 लघुकथाकारों द्वारा स्वरचित हिन्दी लघुकथाओं की स्व-आलोचना का अध्ययन/ डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी 403 समकालीन समय में धर्म का बदलता स्वरूप : ‘गूँगी रुलाई का कोरस’ उपन्यास के परिप्रेक्ष्य में/ राहुल.के.एस 412 हजारीप्रसाद द्विवेदी की कहानियाँ / प्रो. (डॉ.) प्रतिभा राजहंस 420 Breaking the silence: Early twentieth-century Urdu short stories by Muslim women writers / Isha Sharma 431 आलेख कलमवीर धर्मवीर भारती / डॉ. उपेंद्र कुमार 'सत्यार्थी' 439 अनुवाद महावीर प्रसाद द्विवेदी का अनुवाद कर्म और बेकन विचाररत्नावली / कविता 443 अनुवाद और रोजगार की संभावनाएं / डॉ. श्रीराम हनुमंत वैद्य 450 अनूदित कहानी- दुर्गा: डॉ. मधुमिता घोष / अनुवादक: डॉ. ज्योत्सना शर्मा 458 साहित्यिक रचनाएँ कविता वन्दना टी. के. 461 विरेश 463 कहानी शापित / राजा सिंह 464 पुस्तक समीक्षा पेरियार ललई सिंह ग्रंथावली : सामाजिक न्याय का क्रांतिकारी दस्तावेज/ समीक्षक: विजय कुमार 473 प्रो. करुणाशंकर उपाध्याय रचित ‘जयशंकर प्रसाद: महानता के आयाम’ की विश्वमानवता की भूमिका रचती सूक्तियाँ / डॉ. सुशीलकुमार पाण्डेय ‘साहित्येन्दु’ 477