Description
जनकृति- अंक 69-97, अप्रैल-मई 2023 (सयुंक्त अंक) – विषय सूची
कला-विमर्श हिन्दी कहानियों का मंचीय प्रवेश / कपिल कुमार 8 ‘दशावतार’ लोक-नाट्य में चित्रित लोक-परंपरा / प्रियंका राजेंद्रप्रसाद चौहान 14 वेब सीरीज की नई दुनिया : ओटीटी प्लेटफॉर्म / डॉ. हंसराज 'सुमन' 25 दलित एवं आदिवासी -विमर्श हिंदी दलित साहित्य में अस्मिता और वर्ग की पारस्परिकता / विकाश कुमार 37 हाशिये के समाज की अवधारणा और पेरियार ललई सिंह की वैचारिकी / विजय कुमार 46 अस्मिता संबंधी चिंतन और विमर्श : ‘जूठन’ के विशेष सन्दर्भ में / ज्योति 55 गद्दी जनजाति की आर्थिक गतिविधियों का : एक मानवशास्त्रीय अध्ययन (ग्राम-जियाखास, जिला-काँगड़ा, हिमाचल प्रदेश के विशेष सन्दर्भ में) / महेन्द्र कुमार जायसवाल, डॉ. सोनिया कौशल 77 आदिवासी राजनीतिक संघर्ष : समर शेष है ?/ निधि पांडेय 88 कांशीराम: दलित विमर्श उत्तर-अम्बेडकर / सुमीत कुमार गुप्ता 95 भारतीय विधायिका और संसदीय लोकतंत्र में आदिवासी हस्तक्षेप- झारखंड आंदोलन का इतिहास / राकेश कुमार, डॉ सुचेता सेन चौधुरी 103 स्त्री-विमर्श भारतीय सनातन परंपरा में स्त्री / डॉ. मनीषा पांडेय 117 नवजागरण और स्त्री शिक्षा / प्रिया राज 125 किन्नर-विमर्श ‘थर्ड जेण्डर’ समाज के प्रति सामाजिक चेतना प्रेषित करते टी.वी. विज्ञापन / सुमन राजभर 131 मीडिया-विमर्श Objectification of Women in Advertisements and Promotions: A Critical Study / Mohammed Johaed, Saddam Hossain 138 The Art of Storytelling through the Lens: A Closer Look at Raghu Rai's Photojournalism and Its Relevance Today/ Amit Mishra 149 जन-चेतना की निर्मिति में ‘चाँद’ पत्रिका की भूमिका / अनूप कुमार 158 न्यू मीडियां में हिंदी का प्रयोग व प्रभावशीलता / डॉ.सुनील कुमार 164 भाषिक-विमर्श आचार्य किशोरीदास वाजपेयी और हिंदी विभक्ति / डॉ. स्वर्ण लता सिन्हा 173 भारतीय विदेश निति के बदलते आयाम / रवि कुमार 210 शिक्षा -विमर्श Early Childhood Care and Education / Dr. Kalyani Pradhan 180 शिक्षा में लोकसाहित्य की प्रासंगिकता (लोक-कथाओं के विशेष संदर्भ में)/ आरती तिवारी 201 राजनीतिक-विमर्श भारतीय विदेश निति के बदलते आयाम / रवि कुमार 210 इतिहास भारतीय स्वाधीनता संग्राम में आध्यात्मिक चेतनाशील व्यक्तित्व / डा० आनन्द कुमार त्रिपाठी 219 Settlement Pattern of Painted Grey Ware Sites of the Yamuna-Hindon Doab Dr. Rewant Vikram Singh 228 रामायणयुगीन आश्रम संस्कृति- एक वैशिष्ट्य / डॉ. महेन्द्र कुमार उपाध्याय 243 दर्शन The Concept of Consciousness in the Advaita philosophy / Dr. Mukul Bala 248 समसामयिक-विमर्श कोविड-19 में महिलाओं पर संकट / प्रीति 258 साहित्यिक-विमर्श भारतीय काव्यशास्त्र में साधारणीकरण का महत्व / प्रो. रत्नेश विष्वक्सेन 271 भारतीय काव्यशास्त्र परम्परा में ‘रस’ विमर्श / डॉ.मीरा कुमारी 279 हिन्दी ग़ज़ल में आदिवासी जीवन / अमन कुमार 291 हाशिए के समाज का जीवन यथार्थ और ‘साँप’ उपन्यास / अविनाश बनर्जी 301 कला बनाम राजनीति : (विशेष संदर्भ हसीनाबाद)/ हारून अंसारी 315 स्वतंत्रता आंदोलन में देश प्रेम कविताओं की भूमिका /डॉ. बसुन्धरा उपाध्याय 323 हिंदी उपन्यासों में चित्रित कश्मीरी स्त्री / सौम्या वर्मा 333 ‘सुमंगली’ कहानी में दलित स्त्री दशा का अंकन: नारीवादी दृष्टि से / मिनाली गुप्ता 340 समकालीन परिदृश्य में परंपरा के स्वीकरण की चुनौतियाँ और समाधान / प्रो. गुंजन 350 संजीव के कथा-साहित्य में स्त्री का विद्रोही स्वरूप / क्षमा यादव 359 ताज और फूलीबाई के लेखन में प्रतीक योजना / ज्योति 368 आंचलिक उपन्यास का भाषा-शिल्प / शेफालिका शेखर 375 शेखर एक जीवनी में क्रांति का स्वर / सूर्य प्रकाश त्रिपाठी 381 वैश्वीकरण और जल, जंगल, जमीन का सवाल (आदिवासी साहित्य की हिन्दी कहानी के संदर्भ में)/ डॉ. रहीम मियाँ 387 ललदेद / चेतन विष्णु रवेलिया 395 त्रासदितों और दु:खों से उपजी ओमप्रकाश वाल्मीकि की दलित कहानियाँ / राज कुमार 404 रघुवीर सहाय की कविता में मूल संवेदना / पूजा झा 413 त्रिलोचन के गद्य साहित्य ‘देशकाल’ में सामाजिक चेतना के स्वर / मुमताज़ परवीन 420 डॉ.सुशीला टाकभौरे के कहानियों में चित्रित सामाजिक समस्याएं / श्री प्रकाश, डॉ . आशा मीणा 428 डॉ. रमेश पोखरियाल के काव्य में सांस्कृतिक एवं दार्शनिक बोध / डॉ. रमा आर्य 438 डॉ. बद्रीप्रसाद पंचोली के निबंध साहित्य में लोक और वेद चिंतन / सी. मालसोमत्लूआंगी, डॉ. अखिलेश कुमार शर्मा 446 अलगाव-बोध और ज्ञानरंजन की कहानियाँ / लौह कुमार 454 उषा प्रियंवदा की कहानियों में महानगरीय संत्रास- बोध / डॉ पूनम सिंह 463 छप्पर में अम्बेडकरवादी दर्शन/ अजय कुमार चौधरी 474 वर्तमान समय और समाज में कबीर की प्रासंगिकता / डॉ. अंजु 481 ओमप्रकाश वाल्मीकि के कहानियों में सामाजिक चेतना / ज्ञानेश्वरी रौतिया 488 अस्मिता पर ग्रहण के प्रश्न:अखिलेश का कथा साहित्य /आदित्य रंजन यादव 494 अरुण प्रकाश की कहानियों में निहित समाजिक संदर्भ / डॉ चंदा सागर 504 डॉ. मधु धवन की रचनाओं में नारी की पश्चाताप / सुधा. वी 519 नारी अस्मिता के उठते नए सवाल: मृदुला गर्ग की ”अवकाश” कहानी के सन्दर्भ से / डॉ. छाया चौबे 524 असमिया साहित्य और समाज में राम / डॉ जोनाली बरुवा 530 ‘अकाल में उत्सव’ उपन्यास में अभिव्यक्त किसान जीवन और उनकी समस्याएँ / कंचन चौहान 541 राहुल सांकृत्यायन के कथा साहित्य में अभिव्यक्त राजनीतिक चेतना /आकाश शंकर 548 ‘जिनगीक ओरिआओन करैत’ मे कविक जीबटपन एवं मानवीय संवेदना / डॉ. रमण कान्त चौधरी 559 प्यार न होता धरती पर तो सारा जग बंजारा होता / प्रो. प्रतिभा राजहंस 568 धर्म एवं संस्कृति विश्नोई धर्म दर्शन में प्रकृति संरक्षण की महत्ता और वर्तमान में प्रासंगिकता / विजेंद्र मीना 583 पांचवीं देवी शक्ति पीठ जोगुलम्बा देवी: हेमलपुरम (आलमपुर): तेलंगाना राज्य के प्रसिद्ध मंदिर / सुनंदा ठाकुर 590 भारतीय समुदायों में हनुमान चरित्र / तिलकराज गर्ग, डॉ. प्रदीप कुमार 595 किन्नौर की बदलती संस्कृति का स्वरूप / सूरज गंगा 602 लोक साहित्य आदिवासी लोक साहित्य में जीवन का राग-रंग/ पूनम 608 आलेख किस्सा, किस्सागो एवं किस्सागोई / राजेन्द्र सिंह गहलौत 615 कहानीकार बलराम / डॉ. करुणाशंकर उपाध्याय 628 अनुवाद अनुवाद की संकल्पना में संज्ञा की अनुवादनीयता का प्रश्न (हिंदी से अनुवाद करने के विशेष संदर्भ में)/ शिवानी पंवार 633 साहित्यिक रचनाएँ: कविता मनोज कुमार शर्मा 643 कहानी चौख़ट / रामेश्वर महादेव वाढेकर 646 अभी जिंदा हूं मैं/ श्यामल बिहारी महतो 653 पुस्तक समीक्षा समकालीन कविता के तंत्र में ‘रंगतंत्र’ / समीक्षक: तेजस पूनियां 663 आजादी और लोकतंत्र के पहरुए / समीक्षक: राजनारायण बोहरे 670