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JANKRITI THIRD GENDER ISSUE

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जनकृति का यह अंक एक प्रयास कि इस समुदाय की आवाज़ सभी तक पहुँच सके और इनको वह सभी सम्मान और अधिकार प्राप्त हो, जिनके यह हकदार हैं. पत्रिका के इस अंक में रचनात्मक सहयोग देने वाले सभी लेखकों का शुक्रिया और हम सभी रचनाकारों से यही चाहेंगे कि अपने लेखन के हिस्से हाशिए के लोगों को अवश्य शामिल करें.

सृजनकर्म से जुड़े लोगों द्वारा पूर्व में ट्रांस जेंडर पर किए गए कार्यों एवं वर्तमान हो रहे सभी प्रयासों का सम्मान करते हुए पत्रिका के ‘थर्ड जेंडर विशेषांक’ के माध्यम से हम बस यही निवेदन करेंगे कि इस समुदाय के लिए यह प्रयास यही न रुके बल्कि इनके सम्मान और अधिकार के लिए आवाज़ उठती रहे.

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Description

थर्ड जेंडर विशेषांक विषय सूची

 

 प्रधान संपादक की कलम से…

तीसरी दुनियाँ नहीं हमारे ही समाज का हिस्सा है ‘थर्ड जेंडर समुदाय’: कुमार गौरव मिश्रा

 अतिथि संपादक की कलम से…

जुड़ाव जब सकाराम्तक हो तो एक आदर्श समाज बनता है: रविना बरिहा

 सह-संपादक की कलम से…

तीसरी दुनियाँ का आम इंसान: अमित मिश्रा

थर्ड जेंडर: एतिहासिक, सामाजिक, राजनीतिक एवं आर्थिक दृष्टिकोण

किन्नर समाज और सामाजिक एवं आर्थिक पक्ष: शैलेन्द्र सिंह कुशवाह

थर्ड जेंडर: सामजिक अवधारणा एवं पुनरावलोकन: शुभा जैन

किन्नरों का समाज: कुछ मुद्दे एक समाजशास्त्रीय अध्ययन: सरिता गौतम

किन्नर और संघर्षमयी जीवन: पूजा हेमकुमार अलापुरिया

भारतीय वांग्मय और हिजड़ा समुदाय: डॉ. सुनील कुमार द्विवेदी

वर्जित दुनियाँ का दस्तावेज: तीसरी ताली: नीलम देवी

थर्ड जेंडर विमर्श: शरद सिंह

लैंगिक अस्मिता के प्रश्न से जूझता हिजड़ा समुदाय: विजेंद्र प्रताप सिंह

किन्नर समुदाय: बदलते परिवेश में: श्री नरायन सिंह गौतम

भारतीय परिप्रेक्ष्य में- किन्नर जीवन पर समाजशास्त्रीय अध्ययन: प्रो. उर्मिला पोरवाल सेठिया

किन्नर विमर्श: समाज के परित्यक्त वर्ग की व्यथा कथा: डॉ. पुनीत बिसारिया

थर्ड जेंडर एवं शिक्षा

तृतीयपंथी यानि किन्नरों की शिक्षा: कौशलेंद्र प्रपन्न

तीय लिंग: शिक्षा के क्षेत्र में अवहेलना का पात्र: नीता वरुण

थर्ड जेंडर समुदाय: सवैंधानिक पक्ष

धारा-377 सवैंधानिक अधिकारों की एक नई भाषा: डॉ. अजय कुमार सिंह

धारा 377 और मानव अधिकार: डॉ. रूपा सिंह

साहित्य एवं थर्ड जेंडर

साहित्य में अभिव्यक्त किन्नरों की व्यथा: वन्दना शर्मा

थर्ड जेंडर की व्यथा कथा और मुक्ति सपना: पोस्ट बॉक्स नं 203 नालासोपारा: डॉ. समीर प्रजापति

कला एवं थर्ड जेंडर

लिंगगत अवधारणा और ‘थर्ड जेंडर’ की सिनेमा में उपस्थिति: मनीष खारी

कही-अनकही के बीच ईला: डॉ. प्रज्ञा

यौनिकता की बहस में मिथक: भावना मसीवाल

थर्ड जेंडर समुदाय: विविध पक्ष

अस्तित्व की लड़ाई: दीप्ति श्रीराम, नितोल मित्रा

ताली पिटते आंसू: सपना मांगलिक

किन्नर समुदाय: संगीता सिंह ‘भावना’

वो किन्नर…: अजय कुमार चौधरी

जिम्मेदार कौन? : सीमा जैन

थर्ड जेंडर: सरोज उत्प्रेती (कनाड़ा)

थर्ड जेंडर: मीना धर

किन्नर-थर्ड जेंडर: संजय वर्मा ‘दृष्टि’

 कैमरे की नज़र से थर्ड जेंडर

एक छोटी सी आशा: विनय तोमर

आईना एक नज़र का इंतज़ार: आईना लघु फिल्म सदस्य

Documentries on Third Gender: Kavita Singh Chauhan

ख़बर की दुनियाँ एवं थर्ड जेंडर

Third Gender News in Media: Kavita Singh Chauahn

आधे-अधूरों का दर्द: सम्मान और सुरक्षा पाने का संघर्ष: कुमार मुकुल

संस्मरण

संस्मरण: आशुतोष कुलश्रेष्ठ

साक्षात्कार एवं ट्रांस जेंडर समुदाय का पक्ष

आप बीती: ट्रांस जेंडर एवं मीडिया का पक्ष

 

 

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