परिचय
जनकृति में आपका स्वागत है! यह एक अंतरानुशासनिक, विशेषज्ञ-समीक्षित, द्विभाषी, अंतरराष्ट्रीय मासिक पत्रिका है, जो दुनिया भर के विद्वानों और अध्ययनकर्ताओं के मध्य ज्ञान और विचार-विनिमय हेतु एक मंच प्रदान करने के लिए समर्पित है। हमारा प्रयास रहता है कि हम जनकृति के माध्यम से प्रसिद्ध उत्कृष्ट विद्वानों के वैविध्यतापूर्ण विचारों को एक मंच पर ला सकें और विभिन्न वाद-संवाद के विषयों पर बौद्धिक विचार-विमर्श के उपयुक्त अवसर उपलब्ध करा सकें। जनकृति एक ऐसा मंच है, जहां विचारों को साझा किया जाता है और विर्द-संवाद होता है और जहां सभी पृष्ठभूमि के लोग विचार-विनिमय के नवीन उपागम खोजने और बौद्धिक मतभेदों को चुनौती देने हेतु एक साथ आ सकते हैं।
हम केवल उच्चतम गुणवत्ता वाले शोध संबंधी लेखन को प्रकाशित करने हेतु प्रतिबद्ध हैं और हमारी टीम यह सुनिश्चित करने के लिए अथक श्रम से कार्य करती है कि प्रत्येक लेख सावधानीपूर्वक संपादित हो और तथ्यों की जांच पूर्ण पारदर्शिता के साथ की गई हो। हमारा लक्ष्य लेखकों और पाठकों के बीच सार्थक विमर्श को बढ़ावा देना है और एक ऐसा वातावरण बनाने का प्रयास करना है, जहां विचारों को स्वतंत्र रूप से और सम्मानपूर्वक व्यक्त किया जा सके। हमारा उद्देश्य, उस पुरानी बहु-अनुशासनिक वैचारिकता की परंपरा को भी जीवित करना है, जो आज की पीढ़ी में धीमे-धीमे धूमिल होती जा रही है। हमारा उद्देश्य लोगों को एक साथ लाना और महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करने हेतु एक सार्थक स्थान निर्मित करना है और हम यह देखने के लिए उत्सुक हैं कि जनकृति का भावी-भविष्य उसके लिए क्या लेकर आने वाला है।
जनकृति अंतरानुशासनिक पूर्व- समीक्षित द्विभाषी अंतरराष्ट्रीय मासिक पत्रिका स्थापना: 2015, प्रथम अंक: मार्च 2015 विषय क्षेत्र- अंतरानुशासनिक भाषा- हिंदी एवं अंग्रेजी प्रकाशक- जनकृति आईएसएसएन: 2454-2725 ईमेल: jankritipatrika@gmail.com