परिचय
जनकृति संस्था, साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में एक ऐसे मंच की परिकल्पना को चरितार्थ करता है, जो व्यवहारिक रूप में शत-प्रतिशत व्यक्ति की प्रतिभाओं को सोद्देश्यपूर्ण बेहतर सामाजिक संरचना के आधार पर मंच मुहैया करवाता है. जनकृति संस्था अपने कार्यक्रमों द्वारा साहित्यिक, सामजिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्र के प्रसिद्द हस्ताक्षरों एवं युवा प्रतिभाओं के मध्य समन्वय स्थापित करने का कार्य करता है. मूल रूप से जनकृति संस्था कला के विभिन्न माध्यमों से समाज में सद्भावना और समानता के प्रति प्रतिबद्ध है.
उद्देश्य
जनकृति संस्था द्वारा बेहतर साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक वातावरण के निर्माण हेतु नियमित रूप से कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है-
- साहित्य, कला एवं संस्कृति पर केंद्रित पत्रिका का प्रकाशन
- सांस्कृतिक गतिविधियों जैसे नाटक, फ़िल्म आदि का निर्माण एवं प्रदर्शन करना. पोस्टर मेकिंग, चित्रकारी, गायन एवं नृत्य से संबंधित कार्यशालाओं का आयोजन करना
- समाज निर्माण के उद्देश्य से व्यक्तिव विकास हेतु उनमें शैक्षिक, सामाजिक, नैतिक, कलात्मक, सांस्कृतिक पर्व, स्वास्थ संबंधी गुणों का विकास करना एवं इस हेतु कार्यक्रम आयोजित करना.
- युवा कलाकारों एवं युवा प्रतिभाओं के विकास हेतु कला महोत्सव इत्यादि का आयोजन करना
- साहित्य, समाज एवं संस्कृति से संबंधित प्रमुख विषयों पर संगोष्ठी, कार्यशाला इत्यादि का आयोजन करना.
- वैश्विक स्तर पर भारतीय भाषाओं के विकास हेतु भाषिक परियोजनाओं का निर्माण करना एवं क्षेत्रीय स्तर पर भाषिक विकास हेतु कार्यक्रमों का आयोजन करना.
- साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए पुरस्कार प्रदान करना.
जनकृति संस्था द्वारा संचालित कार्यक्रम
जनकृति संस्था का गठन 10 अगस्त 2014 को वर्धा, महाराष्ट्र में हुआ. अपने इस सफ़र में संस्था द्वारा वर्ष 2015 से जनकृति पत्रिका का प्रकाशन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त हिंदी भाषा एवं साहित्य के विकास में कार्यरत विश्वहिंदीजन नाम से ई-संग्रहालय प्रारम्भ किया गाय। जनकृति संस्था द्वारा कलाकारों एवं लेखकों के प्रोत्साहन हेतु कई कार्यक्रम किए गए जिसमें प्रमुख रूप से जनकृति युवा कला एवं साहित्य महोत्सव जैसे कार्यक्रमों का संचालन किया गया। साथ ही समय-समय पर संस्था के सदस्यों ने देश के अन्य संस्थाओं द्वारा आयोजित राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में अपनी भागीदारी दी. जनकृति संस्था द्वारा आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों एवं गतिविधियों को लेकर विश्वभर से सकारात्मक प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई साथ ही अत्यंत ही कम समय में वैश्विक स्तर के प्रसिद्द कलाकर, समीक्षक एवं लेखकों ने संस्था की गतिविधियों से जुड़ने की इच्छा जाहिर की. जनकृति संस्था द्वारा वर्तमान में निम्न योजनाओं का सफल संचालन किया जा रहा है-
- हिंदी सिनेमा के इतिहास पर केंदित हिंदी सिनेमा कोष का निर्माण
- सामाजिक चेतना हेतु आवाज़ नमक नुक्कड़ मंडली का गठन
- विमर्श पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय पत्रिका ई पत्रिका ‘जनकृति’ का प्रकाशन
- हिंदी भाषा के विकास हेतु हिंदी उत्कर्ष नामक परियोजना का निर्माण
- कला क्षेत्र में नवीन प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने एवं कला क्षेत्र के प्रसिद्द हस्ताक्षरों तथा युवा कलाकारों के सानिध्य में कला पर केंद्रित विभिन्न गतिविधियों के निर्माण हेतु ‘कला संवाद’ नाम से मंच का निर्माण
- युवा कलाकारों एवं युवाओं के मध्य कला को प्रमोट करने हेतु युवा कला एवं साहित्य महोत्सव का आयोजन
- लोककलाओं के विकास हेतु लोकाभिव्यक्ति, माटी बघेलखंड तथा लोकबिम्ब नाम से ब्लॉग का संचालन एवं भविष्य में लोककलाकरों तथा लोकाध्यताओं के संग विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन.
- आदिवासी कलाओं एवं आदिवासी समाज के विकास हेतु भविष्य में विभिन्न कार्यक्रमों एवं योजनाओं के निर्माण की परिकल्पना.
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संस्थापक- डॉ. कुमार गौरव मिश्रा, ईमेल- kumar.mishra00@gmail.com
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