Peer Review and Publication Policy
AS PER UGC GUIDELINES
Global standards of high quality research, in all academic disciplines under its purview, the University Grants Commission (UGC) aspires to stimulate and empower the Indian academia through its “Quality Mandate”. A public notice was issued by the UGC, on the 28th of November, 2018, to announce the establishment of a dedicated Consortium for Academic and Research Ethics (CARE) to carry out this mandate.
- To promote quality research, academic integrity and publication ethics in Indian universities.
- To promote high quality publications in reputed journals that would help in achieving higher global ranks.
- To develop an approach and methodology for identification of good quality journals.
- To prevent publications in predatory/ dubious / sub-standard journals, which reflect adversely and tarnish the image of Indian academia.
- To create and maintain a “UGC-CARE Reference List of Quality Journals” (UGC-CARE List) for all academic purposes.
Jankriti Peer Review and Publication Policy
The journal employs the peer review process, where both reviewers and authors remain anonymous throughout the review process.
Every proposal submitted for publication is read at least by an editor, for an initial review. If the paper agrees with editorial policies and with a minimum quality level, is sent to two reviewers. The reviewers won’t know the author’s identity, as any identifying information will be stripped from the document before review.
Reviewers’ comments to the editors are confidential and before passing on to the author will made anonymous. Based on the reviewers’ comments, the Editorial Board makes a final decision on the acceptability of the manuscript, and communicates to the authors the decision, along with referees’ reports. Whether significant revisions are proposed, acceptance is dependent on whether the author can deal with those satisfactorily.
Policy on Retraction of articles
The Journal follows the COPE guidelines for Retraction of articles: It Can be found at following link:
http://publicationethics.org/files/retraction%20guidelines.pdf
अकादमिक क्षेत्र में गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए जनकृति में प्रकाशित होने वाले शोध आलेखों का चयन विभिन्न स्तर पर किया जाता है। इसके लिए शोध विषय की नवीनता, मौलिकता, तथ्य के स्रोत एवं उनके मूल्यांकन, अंतरराष्ट्रीय शोध मानक के अनुरूप शोध प्रारूप इत्यादि बिन्दुओं के आधार शोध आलेखों का चयन किया जाता है।
Role of the Author लेखकों की भूमिका
लेखक द्वारा मौलिक शोध लेखन होना चाहिए साथ ही शोध में उद्धृत संदर्भों का स्पष्ट विवरण होना आवश्यक है। लेखकों को अनुसंधान कार्य में नवीन विषयों, नवीन दृष्टिकोण का ध्यान रखना चाहिए। लेखकों को मूल शोध से संबन्धित पूर्व कार्यों का उल्लेख शोध पत्र में किया जाना चाहिए महत्वपूर्ण योगदान देने वाले सभी व्यक्तियों को सह-लेखक के रूप में शामिल किया जाना चाहिए।
Role of the Editors संपादकों की भूमिका
संपादकों की भूमिका पत्रिका हेतु प्रस्तुत पाण्डुलिपि की मौलिकता एवं गुणवत्ता देखने के लिए है साथ में यह सुनिश्चित करना है कि पत्रिका में प्रकाशित होने वाली सामग्री पत्रिका के उद्देश्य के अनुरूप हो। साहित्यिक चोरी संबंधी समस्याओं का निवारण करना और कार्यवाही करना संपादक का कार्य है।
Role of the Reviewers समीक्षकों की भूमिका
संपादकीय निर्णय लेने में सहायता करने और पांडुलिपि सुधार में लेखकों की सहायता करने के लिए पत्रिका के लिए पीयर समीक्षा आवश्यक है। समीक्षकों को पांडुलिपि में उद्धृत प्रासंगिक प्रकाशनों को इंगित करना चाहिए और पहले प्रकाशित कार्यों के साथ किसी भी समानता को इंगित करना चाहिए। समीक्षकों को पाण्डुलिपि संबंधी गोपनियता को बनाए रखना आवश्यक है। प्रत्येक पाण्डुलिपि में विषयानुरूप सुझाव अपेक्षित है। यदि एक संभावित समीक्षक पांडुलिपि की समीक्षा करने के लिए अयोग्य महसूस करता है, तो उस समीक्षक को संपादकों को तुरंत सूचित करना चाहिए और समीक्षा को अस्वीकार करना चाहिए।