झाँसी की रानी वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के साहित्यिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं लोकधर्मी प्रभाव पर ‘वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई और स्वाधीन चेतना’ विषयक त्रिदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
हर्ष के साथ आप सबको अवगत कराना है कि चौरी चौरा घटना शतवार्षिकी के ऐतिहासिक अवसर पर हिन्दी विभाग, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झाँसी हिन्दुस्तानी एकेडेमी, प्रयागराज के सहयोग से आगामी 01-03 मार्च, 2021 को बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में झाँसी की रानी वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के साहित्यिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं लोकधर्मी प्रभाव पर ‘वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई और स्वाधीन चेतना’ विषयक त्रिदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन करने जा रहा है| उक्त संगोष्ठी में वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के साहित्य में अंकन, ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य तथा लोक में प्रभाव उपविषयों पर सार्थक चर्चा की जाएगी, जिस हेतु देश के विभिन्न अंचलों से साहित्यकार, इतिहासकार, संस्कृतिकर्मी सन 1857 के स्वाधीनता संग्राम की अमर ज्योतिशिखा महारानी लक्ष्मीबाई के समग्र प्रभाव एवं अवदान पर चर्चा करेंगे|
संगोष्ठी के संभावित उपविषय हैं :
- स्वातंत्र्य समर और साहित्य
- हिन्दी काव्य में चित्रित महारानी लक्ष्मीबाई
- लोक साहित्य में व्याप्त वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई
- वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई पर आधारित रासो काव्य
- वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई पर आधारित रायसे
- झाँसी की रानी का साहित्यिक अन्वख्यान
- हिन्दी गद्य में महारानी लक्ष्मीबाई
- बुन्देली साहित्य में महारानी लक्ष्मीबाई
- वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के समकालीन इतिहास लेखक एवं कविगण
- महारानी लक्ष्मीबाई का क्रांति पथ
- सन 1857 के स्वाधीनता संग्राम की अमिट दीपशिखा महारानी लक्ष्मीबाई
- स्टार फोर्ट, सन 1857 का स्वाधीनता संग्राम और महारानी लक्ष्मीबाई
- राष्ट्रीय एकता, सद्भाव और सांप्रदायिक सौहार्द्र की अमर ज्योति महारानी लक्ष्मीबाई
- रानी लक्ष्मीबाई का स्वतंत्रता संघर्ष और उसके नवीन सन्दर्भ
- वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के स्वतंत्रता संघर्ष में महिलाओं की भूमिका
- स्वातंत्र्य संग्राम में झाँसी का योगदान
आप इस महनीय आयोजन हेतु उपर्युक्त में से किसी एक विषय अथवा संगोष्ठी से जुड़े किसी विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं| संगोष्ठी में प्रस्तुत शोध पत्र हिन्दुस्तानी एकेडेमी, उत्तर प्रदेश प्रयागराज द्वारा प्रकाशित किये जाएँगे| अतः अपने शोध पत्र कृति देव 010 अथवा यूनिकोड में 14 आकार के फॉण्ट में 28 फरवरी 2021 तक hindustaniacademyup@gmail.com अथवा puneetbisaria8@gmail.com पर भेजने का कष्ट करें| संगोष्ठी में पंजीकरण करवाने के इच्छुक प्राध्यापक एवं शोधार्थी कार्यक्रम के प्रथम दिन अर्थात 01 मार्च तक पंजीकरण करवा सकते हैं।
शोधार्थियों, विद्यार्थियों तथा शिक्षकों की प्रतिभागिता/शोध पत्र प्रस्तुतीकरण हेतु गूगल फॉर्म लिंक है –
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(डॉ. पुनीत बिसारिया)
अध्यक्ष – हिंदी विभाग एवं कार्यक्रम संयोजक
बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झाँसी