Home JANKRITI ISSUE 2022 JANKRITI ISSUE 89-90 (COMBINED ISSUE)
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JANKRITI ISSUE 89-90 (COMBINED ISSUE)

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आप सभी पाठकों के समक्ष जनकृति का अंक 89-90, सितंबर-अक्टूबर 2022 सयुंक्त अंक प्रस्तुत है।  इस अंक में आप साहित्य, कला, मीडिया इत्यादि क्षेत्रों के महत्वपूर्ण विषयों पर आधारित शोध आलेख, लेख पढ़ सकते हैं। इसके अतिरिक्त अंक में आप साहित्यिक रचनाएँ भी पढ़ सकते हैं।

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Description

जनकृति अंक 89-90, सितंबर-अक्टूबर 2022 (सयुंक्त अंक) विषय सूची-

संपादकीय 4
कला-विमर्श  
हबीब तनवीर के लोक कलाकार / उमा चौधरी   8
कथा और पटकथा का अंतर्संबंध/ नीरज छिलवार 13
हिन्दी सिनेमा : कल, आज और कल / मोहन कुमार 25
उत्तराखंड की सांस्कृतिक परंपराओं में लोक गाथाएँ / दिवाकर भटेले 30
राजस्थान की चित्रकला में किशनगढ़ शैली का स्वरूप / हेमलता सैनी 38

मीडिया-विमर्श   
उत्तराखण्ड में सामुदायिक रेडियोः परिचय, महत्व एवं समस्याएं / राजेन्द्र सिंह क्वीरा 46
सांस्कृतिक पत्रकारिता: माध्यम और विविध आयाम / डॉ. सुधीर सोनी 57
सर्वांगीण विकास के लिए मीडिया में सर्व समाज की आवश्यकता / संजीव कुमार 74

किन्नर-विमर्श 
तीसरी ताली: तीसरी दुनिया का यथार्थ / प्रिया कुमारी 79

भाषिक-विमर्श   
An investigation of the challenges faced by Indian tribal students learning English as a second language/ Dr. Kalyani Pradhan 85
सिनेमाई मनोरंजन से विदेशों में हिंदी का विस्तार / डॉ. कुमार भास्कर 97

 शिक्षा-विमर्श
समावेशी शिक्षा का दर्शन एवं सिद्धांत / आनंद दास 104

राजनीतिक-विमर्श
संसदीय लोकतन्त्र में विपक्ष  : डॉ. बी. आर. अंबेडकर के संदर्भ में एक अध्ययन / जया ओझा 112

साहित्यिक-विमर्श
मनुष्य और पशु के साहचर्य जीवन को दर्ज करती रेणु की कहानी ‘तॅबे एकला चलो रे’/ डॉ. मणिबेन पटेल  117
कवि केदारनाथ अग्रवाल की कविताओं में प्रकृति-बोध का आधुनिक सन्दर्भ / डॉ.  सन्तोष विश्नोई 123
अमीर खुसरों:सूफ़ी फ़लसफ़ा / डॉ. शमा खान 135
उसके हिस्से की धूप: नारी चेतना का समीक्षात्मक अध्ययन / किशोर कुमार  142
कबीर के काव्य में लोक / दीपक कुमार भारती  147
कश्मीर केंद्रित हिंदी उपन्यासों में : आतंकवाद और स्त्री जीवन संघर्ष / सोनू कुमार भारती  157
तुलसीदास रचित रामचरितमानस में हनुमान / तिलकराज गर्ग, डॉ. प्रदीप कुमार 168
दमन, शोषण और अपराध की अरण्य गाथा
(संदर्भ : संजीव का उपन्यास ‘जंगल जहाँ शुरू होता है’) / धर्मेन्द्र कुमार 175
प्रेमचंद की दलित चिंता और वर्तमान में दलित उत्पीडन / डॉ.उमा मीणा  183
बवाल नहीं, सवाल है : लाशों के शहर में / पैड़ाला रवींद्रनाथ  193
भक्तिकालीन कविता और सहजोबाई का कवि-कर्म / राम यश पाल  203
'शेषयात्रा' उपन्यास में आधुनिकता बोध की झलक / स्नेहदीप 211
संजीव के ‘धार’ उपन्यास में चित्रित आदिवासी जीवन-संघर्ष और दृष्टि / शिव देव प्रजापति  218
हरिशंकर परसाई का व्यंग्य और 'विकलांग श्रद्धा का दौर' की विविध दिशाएँ / रोहित कुमार 224
हरिशंकर परसाई की दृष्टि में ‘व्यंग्य’/ डॉ.ज्योतीश्वर मिश्र 235

अनुवाद
अनूदित कहानी: तीन कॉमरेड- डॉ. मधुमिता घोष / अनुवादक: डॉ. ज्योत्सना शर्मा  247


साहित्यिक रचनाएँ
कविता
फैयाज हुसैन 250

कहानी
फिर कभी मिलेंगे / रमेश कुमार राज 251

पुस्तक समीक्षा
"प्रवासी प्रतिनिधि कहानियाँ" और प्रवासी-कथा चिन्तन / समीक्षक: विजय कुमार तिवारी 259