Home साहित्यिक रचनाएँ (कविता) मैं मजदूरसाहित्यिक रचनाएँ (कविता)मैं मजदूरBy JANKRITI । जनकृति - May 14, 2022066ShareFacebookTwitterPinterestWhatsAppLinkedinTelegramCopy URL यह कविता मजदूर विमर्श को केंद्र में रखकर लिखी गयी है ।RELATED ARTICLESMORE FROM AUTHORप्रेम नहीं प्रताड़नाहरीश सुवासिया की कविताएंविश्व मधुमक्खी दिवसअरविन्द यादव की कविताएंलहरेंफिर से आजा राजा रामकभी नहींPoemPoemमूर्ख सिर्फ जनता है