विश्व मधुमक्खी दिवस
एक सुक्ष्म से कीट की विराटता
अल्प से जीवन में रच देना मधु
शाश्वत रहता है शहद
मधुमक्खियों की शिद्दत यही
एक कीट को ही मिला है वरदान
मीठा द्रव बनाने का..
इंसान इज़ाद करता रहा विष
बांटता ही रहा है विष!
सृष्टि के मधुरम कार्य वही करती
वो शहद बांटती है निस्वार्थ
मधु से हम सीख न सके
मधु होने की कला
बस बुनते रहे जाल
चलाते रहे तीर…
काश की इंसान की फ़ितरत भी होती मधु रचना!!