Home साहित्यिक रचनाएँ (कविता) Poem साहित्यिक रचनाएँ (कविता) Poem By JANKRITI । जनकृति - May 6, 2022 7 0 FacebookTwitterPinterestWhatsApp ज़िन्दगी अपने ही वसूलों पर चलती हैं… कब किसकी सुनती है…? कभी फूलों सा महकती है तो कभी कांटों सा चुभती हैं…🍁 RELATED ARTICLESMORE FROM AUTHOR प्रेम नहीं प्रताड़ना हरीश सुवासिया की कविताएं विश्व मधुमक्खी दिवस अरविन्द यादव की कविताएं लहरें LEAVE A REPLY Cancel replyLog in to leave a comment This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.