Sign in
पत्रिका परिचय
जनकृति संस्था
संपादक समूह
संरक्षक / सलाहकार
प्रकाशन नियमावली
वर्तमान अंक
पूर्व अंक
रचना प्रकाशित करें
Children Creation (बालकृति)
Child Artist
Child Writer
सवाल-जवाब
Shop
My account
Sign in
Welcome!
Log into your account
your username
your password
Forgot your password?
Privacy Policy
Password recovery
Recover your password
your email
Search
JANKRITI
JANKRITI
Sign in
Welcome! Log into your account
your username
your password
Forgot your password? Get help
Privacy Policy
Password recovery
Recover your password
your email
A password will be e-mailed to you.
Sign in / Join
सदस्यता
जनकृति । JANKRITI
अंतरराष्ट्रीय मासिक पत्रिका (ISSN- 2454-2725)
Facebook
Twitter
Youtube
type here...
Search
पत्रिका परिचय
जनकृति संस्था
संपादक समूह
संरक्षक / सलाहकार
प्रकाशन नियमावली
वर्तमान अंक
पूर्व अंक
रचना प्रकाशित करें
Children Creation (बालकृति)
Child Artist
Child Writer
सवाल-जवाब
Shop
My account
JANKRITI
पत्रिका परिचय
जनकृति संस्था
संपादक समूह
संरक्षक / सलाहकार
प्रकाशन नियमावली
वर्तमान अंक
पूर्व अंक
रचना प्रकाशित करें
Children Creation (बालकृति)
Child Artist
Child Writer
सवाल-जवाब
Shop
My account
Home
Literature Discourse साहित्यिक –विमर्श
Literature Discourse साहित्यिक –विमर्श
Latest
Latest
Featured posts
Most popular
7 days popular
By review score
Random
फणीश्वर नाथ रेणु प्रणीत रिपोर्ताजों में अभिव्यक्त आम -जन की पीड़ा: डॉ. अनीता यादव
JANKRITI । जनकृति
-
August 5, 2022
अनामिका की कविताओं में अभिव्यक्त पीड़ा एवम मुक्ति का स्वर
सामाजिक यथार्थ के परिप्रेक्ष्य में समकालीन हिंदी कविता
‘काल खड़ा सिर ऊपरे’: आज के संदर्भ में कबीर
‘कुलभूषण का नाम दर्ज कीजिए’: पूर्वी बंगाल की दास्तान’
छायावादी कविताओं में मातृभूमि का चित्रण
JANKRITI । जनकृति
-
January 26, 2022
0
जैनेन्द्र की कहानियों में स्त्री, ‘जान्ह्वी’ के विशेष सन्दर्भ में
JANKRITI । जनकृति
-
January 26, 2022
0
मन के किमियागार रचनाकार दोस्तोवस्की और मुक्तिबोध….
JANKRITI । जनकृति
-
January 26, 2022
0
वर्तमान बेरोजगारी का नया कलेवर और अन्वेषण उपन्यास की प्रासंगिकता
JANKRITI । जनकृति
-
January 26, 2022
0
वादों के दायरे और कुंवर नारायण
JANKRITI । जनकृति
-
January 26, 2022
0
विद्यानिवास मिश्र के मूल्य-बोध का समकालीन संदर्भ: (तुम चंदन हम पानी...
JANKRITI । जनकृति
-
January 26, 2022
0
THE FIRE OF SONAKHAN “SONAKHAN KE AAGI” – AN EPIC HEROIC...
JANKRITI । जनकृति
-
January 24, 2022
0
इक्कीसवीं सदी में सांस्कृतिक विस्थापन और समकालीन हिंदी उपन्यास-
JANKRITI । जनकृति
-
October 7, 2021
0
‘निर्मला जैन की आत्मकथा में चित्रित तत्कालीन समय और समाज’’-अंजू सिंह
JANKRITI । जनकृति
-
October 7, 2021
0
‘आई. ए. रिचर्ड्स के मूल्य सिद्धांत का आलोचनात्मक मूल्यांकन’-ऋतु
JANKRITI । जनकृति
-
October 7, 2021
0
1
2
3
...
6
Page 1 of 6
Home
Magazine
Membership
Start Writing
अब आप जनकृति की सदस्यता (Membership) प्राप्त कर पत्रिका के अंक अपने ईमेल पर मँगवा सकते हैं।
Dismiss